पीलिया लीवर से जुड़ी एक आम बीमारी है। जब पीलिया होता है, तो रक्त में अत्यधिक मात्रा में बिलीरुबिन का उत्पादन होता है। बिलीरुबिन एक यौगिक है। जो लाल रक्त कोशिकाओं से हीमोग्लोबिन के टूटने के परिणामस्वरूप बनता है। पीलिया तब होता है जब बिलीरुबिन नामक पदार्थ शरीर में बहुत अधिक हो जाता है। बिलीरुबिन की अत्यधिक मात्रा यकृत पर बुरा प्रभाव डालती है, और यह यकृत की कार्य करने की क्षमता को कमजोर करती है। बिलीरुबिन धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है।
आमतौर पर शरीर में इसका स्तर 1 या 1.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से नीचे होता है। बिलीरुबिन सबसे पहले रक्त के माध्यम से यकृत तक पहुंचता है। इस बीमारी को पीलिया इसलिए कहा जाता है क्योंकि खून में अतिरिक्त बिलीरुबिन बनने पर त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ने लगता है। लिवर में समस्या होने पर बिलीरुबिन बढ़ जाता है। बिलीरुबिन का स्तर 0.5 और 1.2 मिलीग्राम के बीच होता है। यदि किसी कारण से 1.5 मिलीग्राम से ऊपर चला जाता है, तो यह माना जाता है कि पीलिया संक्रमित हो गया है।
पीलिया रोग केलक्षण।
आंख का सफेद हिस्सा तेजी से पीला होने लगता है।पेट दर्द, भूख ना लगना और खाना ना हजम होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।पेट दर्द, भूख ना लगना और खाना ना हजम होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।गाढ़ा/पीला पेशाब होनाभूख नहीं लगना, बुखार बना रहना, थकान महसूस करना, पेट में दर्द होना, हाथों में खुजली चलना, त्वचा, नाखून पीला होने लगता है।
घरेलु उपचार ।
1...एक चम्मच पपीते के पत्ते के पेस्ट में एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे नियमित रूप से एक सप्ताह तक खाएं। पीलिया के लिए एक बहुत ही प्रभावी घरेलू उपचार।
2..गन्ना पाचन और लीवर के बेहतर कामकाज में मदद करता है। यही कारण है कि पीलिया रोगी के शीघ्र ठीक होने के लिए प्रभावी है। एक गिलास गन्ने के रस में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाएं। अच्छे परिणाम के लिए इस रस को दिन में दो बार खाएं। रस निकालने से पहले गन्ने को अच्छी तरह से साफ करें।
3..टमाटर को नरम बनाने के लिए पानी में कुछ टमाटर उबालें। अच्छे से उबल जाने के बाद टमाटर की छाल को अगल निकाल लें। टमाटर के अंदर के हिस्से को
4...पीलिया में नारियल पानी का सेवन लीवर को स्वस्थ करता है, और पाचनतंत्र ठीक करता है।.....।