बावासीर रोग काया हे? जानकारी( What is hemorrhoids? knowledge)
बावासीर दो प्रकार के होते हैं पहला बादी दूसरा खुनी। जो बाबासिरो से पोज और पानी के तेरा रस निकलता इसे बादी बवासीर कहते हैं । दूसरा जी बवासीर से खुन निकालता हैं इसे खुनी बवासीर कहते हैं । बादी बवासीर में दर्द जलन होते हैं और बादी बवासीरइसमें मस्सा अन्दर होता है। मस्सा अन्दर होने की वजह से पखाने का रास्ता छोटा पड़ता है और चुनन फट जाती है और वहाँ घाव हो जाता है और फोड़े की शक्ल में फटता, बहता और सूखता रहता है।
खूनी बवासीर में किसी प्रकार की दर्द नहीं होती है केवल खून आता है। पहले पखाने में लगके, फिर टपक के, फिर पिचकारी की तरह से सिर्फ खून आने लगता है। ये मस्सा के बजाय होता है।
बवासीर या पाइल्स (Hemorrhoids) एक ऐसा रोग है जो गुदा के आसपास की नसों के विस्तार में होता है। इस रोग में रक्तस्राव की समस्या होती है जिससे गुदा में सूजन, खुजली, दर्द, दस्त आदि लक्षण होते हैं। इसके दो प्रकार होते हैं- बाहरी बवासीर और अंतर्नाल बवासीर।
1.बाहरी बवासीर: ये गुदा के बाहर होते हैं जहां दर्द होता हे।
2.अंतर्नाल बवासीर: ये गुदा के अंदर होते हैं जिनमें शुरुआत में लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन समय के साथ साथ लक्षण दिखने लगते हैं।
बवासीर रोग कई कारणों से हो सकता है। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं
1.कब्ज: यह सबसे आम कारण है। जब आपके मलाशय में रक्त प्रवाह धीमा होता है तो मल का ढेर जमा होता है, जो बाद में बवासीर के रूप में परिणाम देता है।
2.गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव और बच्चे के बड़े होने से मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है। इससे बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है।
3.बैठे रहना: लंबे समय तक बैठे रहने से पीठ और निचले हिस्सों में दर्द और बवासीर का विकास हो सकता है।
4.व्यायाम कम करना: नियमित व्यायाम न करने से आपके पाचन तंत्र का काम अधिक मेहनत करने पर मजबूर होता है। इससे भी बवासीर हो सकता है।
5.भोजन: अनियमित भोजन और खाने का ढेर जमा होना बवासीर के कारण बन सकता है।
6.विरुद्धाहार: मसालेदार और तला हुआ खाद्य पदार्थों का उपयोग करना बवासीर को बढ़ावा देता है।
7.वजन की बढ़ती उम्र: वयस्कता के साथ बवासीर होने का खतरा बढ़ता है।
8.खाने में मसालेदार वस्तुओं का अधिक सेवन: मसालेदार वस्तुओं के सेवन से भी बवासीर हो सकता है।
9.अधिक नश्ता करना: अधिक नाश्ते करने से भी बवासीर होने का खतरा बढता हैं।
10.बैठने की लंबी अवधि: अधिक बैठने से बवासीर का खतरा बढ़ता है। बैठे हुए समय में अवश्य थोड़े-थोड़े देर में खड़े हों और थोड़ी देर चलें।
बवासीर या पाइल्स होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं (The following symptoms appear when you have hemorrhoids or piles)
1.मलद्वार के आसपास सूजन और लालिमा
2.मलद्वार से खून या स्राव आना
3.खुजली या जलन महसूस करना
4.मलद्वार के आसपास घाव के निशान दिखाई देना
5.अक्सर पेट में दर्द होना
6.मलद्वार के आसपास मस्से बनना
7.पाइल्स बाहर आने से अधिक अंदर चले जाने पर अंतर्नल बवासीर का होना
8.गुदा के आसपास सूजन या फोड़े होना।
9.पेशाब या साफ़ पड़ोस करने में दर्द या खुजली होना।
10.गुदा में खून आना।
11.पेट की तनाव के साथ पुरानी स्टूल या कठोरता की शिकायत होना।
12.गुदा के अंदर या बाहर सूजन या मस्से होना।
यदि आपको लगता है कि आप बवासीर के लक्षण दिखा रहे हैं, तो आप एक विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेने के लिए जाना चाहिए।
बवासीर रोग के इलाज के लिए कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं (Following are some home remedies to treat hemorrhoids disease)
1.फाइबर समृद्ध आहार लें: फल, सब्जियां, अनाज, दालें और नट्स आदि शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे कब्ज कम होता है और बवासीर का खतरा भी कम होता है।
2.नियमित व्यायाम करें: रोजाना योग, पैदल चलना, स्विमिंग आदि से शरीर की गतिविधि बढ़ती है जो कब्ज जैसी समस्याओं से बचाती है और बवासीर का खतरा कम करती है।
3.प्राकृतिक उपचार: आम के पत्ते, सेंधा नमक, गिलोय, अमला आदि प्राकृतिक उपचार हैं जो बवासीर जैसे रोगों से निपटने में मदद कर सकते हैं।
4.इस रोग में एक साधारण घरेलू उपाय है कि आप अपने भोजन में फाइबर समृद्ध आहार का सेवन करें। इससे आपकी पाचन शक्ति बढ़ती है और संचार को सुधारता है, जिससे बवासीर नहीं होता है।
5.पाइल्स के इलाज के लिए गर्म पानी से सिकाई करना बेहद उपयोगी होता है। आप एक गर्म टोवल को गुदा के आसपास लपेट सकते हैं या फिर गर्म पानी में बैठ सकते हैं।
6.बवासीर रोग के घरेलू उपाय में त्रिफला एक बेहतर विकल्प होता है। आप त्रिफला पाउडर को दूध या पानी के साथ ले सकते हैं। यह पाचन को सुधारता है और बवासीर के लक्षणों को दूर करता है।
7.बवासीर के इलाज में निम्बू और शहद बेहद उपयोगी होते हैं। आप इन्हें एक साथ मिलाकर ले सकते हैं और दिन में कुछ बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
8. निबो, अदरक, शहद को एक साथ मिलाकर सेवन करता है तो बवासीर रोग में लाभ मिलता है
9.रात को खाना खाने के बाद पपीता खाने से बवासीर रोग को के लिए आरामदायक होता है।
10.बवासीर के लिए त्रिफला रामबाण उपचार है। शौच के बीमारी जब गंभीर रूप धारण करती है। तक नियमित रूप से त्रिफला खाना चाहिए।
11. इसबगुल की भूसी थोरा थोरा खाये नियमित रूप से मल को नरम करने और मल त्याग का आसान बनाने के लिए उसका उपयोग कीजिए । जब मल नरम होता है, आसानी से निकल जाता है। ऐसा करने से बीमारी धीरे-धीरे ठीक होने लगता है।
12.बवासीर को रोकने के लिए आप अपने शारीर को हमेशा हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए। सफाई को बढ़ावा देने के लिए, आप कचरे को खाने से बचना चाहिए और हमेशा साफ पानी से धोना चाहिए
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बवासीर या पाइल्स (Hemorrhoids) एक ऐसा रोग है जो गुदा के आसपास की नसों के विस्तार में होता है। इस रोग में रक्तस्राव की समस्या होती है जिससे गुदा में सूजन, खुजली, दर्द, दस्त आदि लक्षण होते हैं। इसके दो प्रकार होते हैं- बाहरी बवासीर और अंतर्नाल बवासीर।
1.बाहरी बवासीर: ये गुदा के बाहर होते हैं जिनमें सूजन, खुजली और दर्द की समस्या होती है।
2.अंतर्नाल बवासीर: ये गुदा के अंदर होते हैं जिनमें शुरुआत में लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन समय के साथ साथ लक्षण दिखने लगते हैं।
बवासीर रोग एक आम समस्या है जो वसा, थक्का, और अन्य पचाने वाले सामग्री के अधिक उपभोग से होता है। इस रोग का मुख्य कारण मलाशय के भीतर या बाहरी हिस्सों में रक्त चांदी की नसों की फैलाव होना होता है। इसके लक्षणों में गुदा में दर्द, खुजली, जलन और सूखापन शामिल हो सकते हैं। बवासीर के इलाज में अंतिम अंतिम तक संशोधित आहार, जीवनशैली बदलाव और दवाओं का सेवन शामिल होता है।
बवासीर या पाइल्स एक ऐसा रोग है जो गुदा के आस-पास की नसों में सूजन की वजह से होता है। यह सूजन आमतौर पर अधिक शारीरिक श्रम, अधिक बैठाव या अधिक तनाव के कारण होता है।
बवासीर रोग के सामान्य लक्षणों में गुदा के बाहर खुजली, दर्द, सूजन या छोटे-छोटे फोड़े शामिल हो सकते हैं। यदि ये लक्षण बढ़ते हैं, तो रक्त या पसीने की नली से खून या श्लेष्मा भी आ सकता है।
बवासीर के उपचार में स्थायी उपचार के लिए दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। समय-समय पर योग या व्यायाम भी बवासीर को रोकने या इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। अगर स्थायी उपचार काम नहीं करता है तो ऑपरेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।
बवासीर को रोकने के लिए आप अपने शारीर को हमेशा हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए। सफाई को बढ़ावा देने के लिए, आप कचरे को खाने से बचना चाहिए और हमेशा साफ पानी से धोना चाहिए...........