Dyspepsia डिस्पेपशिया भुख ना लगना बीमारी के जानकारी कारण और आयुर्वेदिक इलाज ।

डिस्पेपशिया एक पाचन विकार है जिसमें भोजन के बाद पेट में असमंजस होता है और पेट में उबली और असहजता की स्थिति उत्पन्न होती है। इस स्थिति में व्यक्ति को भुख नहीं लगती है और वह खाने के बाद भी पेट में गैस, उलटी, एसिडिटी, पेट दर्द, और अन्य समस्याओं का सामना कर सकता है। डिस्पेपशिया एक आम तौर पर पाचन तंत्र की समस्या होती है जिसमें भोजन के बाद पेट में असहजता या भारीपन का अनुभव होता है। इस रोग का कारण हो सकता है खराब खाने की आदतें, स्ट्रेस, दवाओं का सेवन या अन्य मेडिकल समस्याएं।

                डिस्पेपशिया एक आम आयुर्वेदिक शब्द है जो पाचन के संबंध में उत्पन्न समस्याओं का वर्णन करता है। डिस्पेपशिया एक अनुकूल भोजन और नियमित व्यायाम के बावजूद असामान्य अवस्था होती है, जिसमें खाना पचाने के दौरान असमंजस या दर्द की तकलीफ होती है।

                 इस रोग के साथ अधिकतर लोगों को पेट में उबल या जलन, बुखार, अपार गैस, तेज दर्द या जलन और तकलीफ की भावना भी होती है। इसलिए, जब भी आपको इन लक्षणों में से कुछ भी महसूस होता है तो आपको अपने चिकित्सक से जांच कराना चाहिए।आयुर्वेद में डिस्पेपशिया को अम्लपित्त या उदारशूल नाम से जाना जाता है। इस रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार कई हैं। इन उपचारों में कुछ आसान घरेलू उपाय होते हैं जो बहुत सामान्य होते हैं।

                   डिस्पेपशिया कारण

डिस्पेपशिया के कुछ आम कारण हैं जैसे कि अधिक खाने के बाद पेट में भारीपन का अनुभव, तले हुए भोजन खाना, शराब पीना, सिगरेट पीना, तनाव, अधिक चाय या कॉफी पीना और दवाओं का उपयोग। डिस्पेपशिया के अन्य कारण हैं गैस की उत्पत्ति, खाने का समय और आयुर्वेदिक तरीकों की अनुसार गर्म और ठंडे वस्तुओं का सेवन। खराब खाने की आदतें: बार-बार जंक फूड खाना, तला हुआ और भारी भोजन खाना। 

               डिस्पेपशिया के लक्षण

डिस्पेपशिया के लक्षण में भोजन के बाद भारीपन, पेट में गैस, उलटी, एसिडिटी, पेट दर्द, भुख नहीं लगना और पेट की भारी अनुभूति शामिल होती है। यह समस्या अधिक समय तक रहने से वजन कमी, नींद कमी ।डिस्पेपशिया के कुछ अधिक सामान्य कारणों में खाने के विभिन्न तरीकों के साथ साथ अन्य कारकों का संयोग शामिल होता है, जैसे कि बढ़ी हुई वयस्कता, स्ट्रेस या अन्य सामान्य अवस्थाएं। अन्य कारण शामिल हो सकते हैं.    भूख नहीं लगना

जलन या एसिडिटी का अनुभव

पेट में अन्य असुविधाएं, जैसे कि अपच, ब्लोटिंग या अपचय

दर्द या तकलीफ जो पेट के अंदर होती है

उलटी या उल्टी आना

पेट का भार या भारीपन

पेट में गैस या बदबू का अनुभव


                  डिस्पेपशिया के घरेलु इलाज।


1.त्रिफला: त्रिफला एक आयुर्वेदिक दवा है जो पाचन को सुधारती है और पेट में गैस को कम करती है। त्रिफला पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर पीएं।

2.अमला: अमला पाचन शक्ति को बढ़ाता है और गैस को कम करता है। अमला खाने के साथ लें या फिर अमला जूस को पानी में मिलाकर पीएं।

3.अदरक (Ginger): अदरक पेट में जलन और एसिडिटी को कम करता है। आप अदरक के छोटे टुकड़ों को गर्म पानी के साथ चबा सकते हैं या फिर अदरक की चाय पी सकते हैं।

4.तुलसी (Basil): तुलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पेट की समस्याओं को दूर करते हैं। आप तुलसी की चाय पी सकते हैं या फिर तुलसी के पत्तों को चबा सकते हैं।

5.सौंफ: सौंफ में मौजूद एन्टीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों की वजह से यह अधिकतर पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है। थोड़ा सा सौंफ खाने से भी फायदा मिलता है।

6.पुदीना: पुदीना पाचन को सुधारने में मदद करता है। आप पुदीने के पत्तों को पानी में उबालकर इसके पानी को ठंडा करके पी सकते हैं।

7.जीरा (Cumin): जीरा पेट में गैस को कम करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। आप जीरे को ताजे या सुखे रूप में चबा सकते हैं या फिर जीरे का पानी पी सकते हैं।
8.जीरा: जीरा पाचन तंत्र को स्थिर करने में मदद करता है और डिस्पेपशिया से छुटकारा दिलाता है। एक चम्मच जीरा का पाउडर दूध के साथ ले सकते हैं।

9.अजवायन: अजवायन में मौजूद तत्वों की वजह से यह पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाता है। एक चम्मच अजवायन का पाउडर पानी के साथ ले सकते हैं।

10.अदरक: अदरक में मौजूद शुष्क अधिकतम पाचक गुणों के कारण डिस्पेपशिया के लिए एक उपयोगी घरेलू उपाय है। आप एक चम्मच अदरक को गुड़ के साथ खा सकते हैं।.......। 

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